मैं आचार्य सतीश थपलियाल एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाते हैं ?