हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाते हैं?

नमस्कार मित्रों ,

मैं आचार्य सतीश थपलियाल एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए  वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर !

आप में से बहुत से लोग हनुमान बाबा को चोला चढ़ाने जरूर जाते हैं परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है?  ऐसी किस घटना से इसका संबंध हो सकता है जिसके कारण हनुमान जी को सिंदूर इतना प्रिय हो गया?  आपके इन्हीं प्रश्नों का उत्तर लेकर आज मैं आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत हुआ हूं अपने इस ब्लॉग के माध्यम से तो आइए जानते हैं :-

अद्भुत रामायण में वर्णित एक कथा के अनुसार मंगलवार के दिन प्रातः हनुमान जी को भूख लगने पर वे माता सीता के निकट पहुंचे तो माता की मांग में सिन्दूर देखकर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ और वे पूछने लगे कि हे माता! आपने अपनी मांग में यह कौन सा लाल द्रव्य लगाया है? तब सीताजी ने कहा, "पुत्र मांग में लगा हुआ यह लाल द्रव्य सुहागिन स्त्रियों का प्रतीक , मंगल सूचक सिन्दूर है । सुहागिन स्त्रियां इसे अपने स्वामी की दीर्घायु के लिए जीवनभर लगाती हैं और इससे स्वामी प्रसन्न भी रहते हैं ।
हनुमान जी ने माता के कथन पर गंभीरता से विचार किया कि जब स्वामी (श्रीराम) माता जानकी के चुटकी भर सिन्दूर लगाने से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी आयु में वृद्धि होती है , तब क्यों न मैं इसे अपने पूरे शरीर पर ही लगाकर स्वामी को अमर कर दूं ।
यह सोचकर कलेवा करने के बाद हनुमान जी ने अपने सारे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया और सभा - मंडप में जा पहुंचे । हनुमान जी की इस दशा को देखकर सभी हंसने लगे । श्रीराम भी हंसे बिना न रह सके ।

भगवान् श्रीराम मुस्कराते हुए बोले, " हनुमान ! तुमने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर क्यों लगा रखा है " ?

" हनुमानजी विनीत भाव से बोले , " प्रभु ! माता जानकी के द्वारा अपनी मांग में चुटकी - भर सिन्दूर धारण करने से आप प्रसन्न होते हैं और आपकी आयुवृद्धि होती है तो मेरे सम्पूर्ण शरीर पर सिन्दूर धारण करने से आप अधिक प्रसन्न होंगे और साथ ही अजर - अमर भी । " इसीलिए मैंने यह सिंदूर धारण किया है ।
हनुमान  जी की बात सुनकर श्रीराम गद्गद हो गए और यह भी घोषणा की कि मंगलवार के दिन जो कोई भी मेरे भक्त हनुमान को तेल व सिन्दूर चढ़ाएगा, मेरी उस पर विशेष कृपा रहेगी । तभी से हनुमान जी को श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति के स्मरणरूप चमेली के तेल में घोलकर सिन्दूर चढ़ाया जाता है । चमेली का तेल हनुमान जी को अतिप्रिय है । सिन्दूर चढ़ाने को चोला-चढ़ाना भी कहते हैं ।
आशा करता हूं आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा यदि इसमें किसी भी प्रकार से कोई त्रुटि पाई जाती है तो जय मां जगदी ज्योतिष केंद्र की ओर से मैं आचार्य सतीश थपलियाल आपसे क्षमा याचना करता हूं |

ज्योतिषाचार्य सतीश थपलियाल 


मैं आचार्य सतीश थपलियाल एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ,भजन - कीर्तन और प्रार्थना क्यों की जाती है ?
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